कौन है विंग कमांडर विजय कार्णिक? जानिए 1971 भारत-पाक युद्ध में उनकी भूमिका, परिवार, जीवन परिचय | Vijay Karnik Biography

स्क्वाड्रन लीडर विंग कमांडर विजय कार्णिक का जीवन परिचय, बायोग्राफी, भुज, भारत पाकिस्तान युद्ध, परिवार (Vijay Kumar Karnik Biography in hindi, Bhuj Story, Age, 1971 War, Bhuj-The Pride of India Movie, Death)

भारत देश के इतिहास में कई ऐसे हीरो हैं, जिनका नाम अत्यधिक प्रसिद्ध तो नहीं है, लेकिन भारत के इतिहास के पन्नों को पलटने पर हमें उनके बारे में जानकारी मिलती है।आज हम बात कर रहे हैं, हमारे ऐसे ही रियल लाइफ हीरो की जो भारतीय वासुसेना में स्क्वाड्रन लीडर थे। 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में विजय कार्णिक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। युद्ध के दौरान विजय ने गुजरात में भुज एयरबेस की कमान संभाली थी, और अंत तक दुश्मनों के सामने डटे रहे।

चलिए विस्तार से जानते हैं विजय कार्णिक कौन है? विजय कार्णिक के परिवार में कौन कौन हैं ? उनकी शुरूआती शिक्षा कहाँ  हुई ? उनके जीवन पर कौनसी फिल्म बन रही है ? इन सारे प्रश्नों के जवाब हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से देंगे। 

विजय कार्णिक का जीवन परिचय –

पूरा नाम विजय कुमार कार्णिक
जन्म तिथि6 नवंबर 1939
उम्र (Age)81 साल
जन्म स्थाननागपुर महाराष्ट्र
निवास स्थाननागपुर
व्यवसायरिटायर भारतीय वायु सेना कमांडर
आर्मी ट्रेनिंगखड़कवासला पुणे
सेवा वर्ष26 मई 1962 -14 अक्टूबर 1986
अधिकारी रैंकविंग कमांडर
नागरिकताभारतीय
धर्म (Caste)चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु हिंदू
शौक (रुचि)किताब पढ़ना, गोल्फिंग
प्रसिद्धभारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो
शिक्षाविज्ञान में स्नातक
सालाना आय (Net Worth)NA
वैवाहिक स्थितिवैवाहिक
शादी की तारीख20 फरवरी 1965

विजय कार्णिक कौन है?

विजय भारतीय वायुसेना में एक कमांडर थे। सन 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान विजय गुजरात के भुज एयरबेस में मुख्य कमांडर थे। विजय ने भारत पाकिस्तान युद्ध में भुज एयरवेज को संचालित करने का काम बड़ी बखूबी से निभाया । इस प्रकार उन्होंने ‘ऑपरेशन चंगेज खान’ को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 

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विजय कार्णिक शुरुआती जीवन और शिक्षा –

विजय अपने स्कूल समय से ही पढ़ाई में अच्छे रहे थे, पुरे स्कूल में वो एक मेधावी छात्र रहे हैं। विजय कार्णिक ने विज्ञान में स्नातक किया, जिसके बाद वह पुणे में खड़कवासला अकादमी में भर्ती हो गए थे। विजय कार्णिक का बचपन से ही सपना था कि वो  भारतीय राष्ट्रीय सेना में भर्ती हो। जिसके चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई भी उसी तरह की थीविजय कार्णिक ने विज्ञान में स्नातक किया, जिसके बाद वह पुणे में खड़कवासला अकादमी में भर्ती हो गए थे। विजय कुमार कार्णिक ने 1962 में वायु सेना में कमीशन प्राप्त किया थाविजय कार्णिक ने विज्ञान में स्नातक किया, जिसके बाद वह पुणे में खड़कवासला अकादमी में भर्ती हो गए थे। तब से विजय लगातार कई सालों तक भारत माता की की सेवा के लिए कार्य करते रहें हैं। विजय कार्णिक  नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बहुत बड़े समर्थक रहे हैं।

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विजय कार्णिक का परिवार –

विजय का जन्म चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु क्षत्रिय परिवार में हुआ था। उनके स्वर्गवासी पिता जी सरकारी अधिकारी थे, व माता ग्रहणी थी। विजय के तीन भाई और एक बहन है। विजय कार्णिक के माता-पिता काफी अच्छे व्यक्ति थे, इन्हें इनके माता-पिता से बहुत अधिक प्रेम मिला, और विजय भी अपनी माता-पिता से बहुत प्यार करते थे।

25 फरवरी 1965 में विजय की शादी उषा कार्णिक के साथ हुई थी। विजय की एक बेटी व एक बेटा है। आइए विजय कार्णिक के परिवार से संबंधित जानकारी जानते हैं।

पिता का नामस्व श्रीनिवास कार्णिक (सरकारी अधिकारी)
माता का नामताराबाई कार्णिक 
भाइयों का नामअजय कार्णिक ( एयर मार्शल)विनोद कार्णिक ( मेजर जनरल)लक्ष्मण कार्णिक ( विंग कमांडर)
बहन का नामवासंती कार्णिक
पत्नी का नामउषा कार्णिक
बच्चों का नामशलाका कार्णिक- बेटी ( थिएटर आर्टिस्ट)परेश कार्णिक -बेटा ( मीडिया में, टाइम्स ग्रुप के साथ)

विजय कार्णिक के करियर की शुरुआत –

विजय कुमार ने सबसे पहले अपने करियर की शुरुआत 26 मई 1962 को भारतीय वायुसेना में शामिल होकर की थी। विजय कुमार को स्क्वाड्रन लीडर के रूप में नियुक्त किया गया था, और उसके बाद 1962 में भारत चीन युद्ध हुआ था, जिसमें वे शामिल हुए थे। उसके बाद विजय कुमार ने 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध लड़ा। और 14 अक्टूबर 1986 को विजय कुमार विंग कमांडर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।

विंग कमांडर बनने के बाद फिर से 1971 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ। इस युद्ध में भारतीय सेना ने  एयरवेज को संचालित करने का काम विजय कुमार को दिया गया था। यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ था, और 16 दिसंबर 1971 को ख़त्म हुआ था। इस युद्ध की शुरुआत ‘ऑपरेशन चंगेज खान’ के नाम से 11 भारतीय हवाई स्टेशनों के द्वारा हवाई हमले से की गई थी।

1971 भारत पाकिस्तान युद्ध में विजय का योगदान –

1971 में विजय कुमार को IFA के द्वारा भुज एयर बेस में  कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया। युद्ध में एयरवेज का पूरा संचालन विजय कुमार की देखरेख में किया गया, और विजय कुमार ने इसे बहुत ही अच्छे से निभाया।  

इस युद्ध के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना ने भुज के हवाई अड्डे पर 15 दिनों तक बमबारी और मिसाइलों से छापेमारी की। इस दौरान भुज एयर स्टेशन को पाकिस्तानी वायु सेना ने पूरी तरह तबाह कर दिया था, उस समय कमांडर विजय को इस एयर स्टेशन को दोबारा बनाने का  जिम्मा अपने सर लिया।

विजय कुमार ने एक पास के गांव से ही 300 महिलाओं को इकट्ठा किया, और इसके साथ ही 100 वायु सेना के अधिकारीयों के साथ एयरबेस को फिर बनाने का काम शुरू किया। कहते हैं विजय की सूझबूझ और सबके साथ की वजह से एयरबेस को रातों रात बना लिया गया था।  विजय कुमार ने महिलाओं को सुरक्षित रहने के लिए हरे रंग की साड़ी पहनने को कहा। जिससे किसी भी दुर्घटना होने का अंदेशा हो, तो वह घास में जाकर छिप जाए। जिससे वह पूरी तरह से सुरक्षित रहें।

अंत में पाकिस्तान पूर्वी कमान ने लगभग 90,000 पाकिस्तानी युद्ध बंदी के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था। जिससे भारत को एक बड़ी विजय प्राप्त हुई थी, इस जीत का श्रेय विजय कार्णिक को ही जाता है। 

विजय कार्णिक को मिली उपलब्धियां, पुरस्कार ;-

  • विजय कुमार भारतीय वायुसेना के  सेवानिवृत्त  जवान है। 
  • विजय कुमार भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के रूप में कार्य करते थे।
  • विजय कुमार विशेष रूप से 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में किए गए  योगदान के लिए जाने जाते हैं। 
  • 26 मई 1962 में विजय कुमार को भारतीय वायु सेना में कमीशन दिया गया था।
  •  इसके बाद उन्होंने 21 एनएवी कोर्स किया था।
  • 1967 में विजय स्क्वाड्रन पुणे में तैनात किए गए थे।
  •  1 अक्टूबर 1985 को विजय विंग कमांडर के रूप में चुने गए थे।
  • 14 अक्टूबर 1986 को विजय कुमार सेना से सेवानिवृत्त हो थे।

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विजय कार्णिक के जीवन पर बनी फिल्म से जुड़ी जानकारी –

हाल ही में विजय कार्णिक के जीवन पर एक फिल्म आ रही है, जिसका नाम है भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया। इस फिल्म में 1971 में हुए भारत- पाकिस्तान युद्ध, भारतीय जवान और माधोपुर की महिलाओं को दिखाया गया है। इस फिल्म में विजय कार्णिक का किरदार बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता अजय देवगन निभा रहे हैं।  भुज फिल्म के लिए अजय देवगन को इसलिए चुना गया क्योंकि विजय कार्णिक चाहते थे, कि अगर उनके जीवन पर आधारित कोई फिल्म बने तो उसमें उनका किरदार अजय देवगन निभाए। 

भुज का ट्रेलर हाल ही में लॉन्च किया गया है। इस फिल्म में अजय देवगन का किरदार बखूबी दिखाया गया है। इस फिल्म के ट्रेलर को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है।  अजय देवगन की फिल्म भुज 13 अगस्त 2021 को रिलीज हो रही है। यह सबसे पहले ओटीटी प्लेटफार्म डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज होने जा रही है। फिल्म में अजय देवगन के अलावा संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फतेही, प्रणिता सुभाष, और शरद केलकर अहम रोल में है।

आशा करते हैं, आप इस लेख से संतुष्ट हो गए होंगे। अगर आपको इस लेख को लेकर कोई भी प्रश्न है, तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, और आप हमें यह भी बता सकते हैं, कि आपके पसंदीदा भारतीय जवान कौन से हैं।

FAQs 

विजय कार्णिक कौन है?

वायु सेना के अध्यक्ष।

भुज का युद्ध कब लड़ा गया था?

8 दिसंबर 1971

विजय कार्णिक के जीवन पर बनी फिल्म का नाम क्या है?

भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया।

भुज द प्राइड ऑफ इंडिया में  लीड अभिनेता कौन है?

अजय देवगन।

भुज एयर बेस की मरम्मत करने वाली महिलाओं को पुरस्कार के रुप में कितना पैसा दिया गया था?

₹50000

क्या विजय कार्णिक जिंदा हैं?

जी हाँ, विजय कार्णिक जिंदा और स्वस्थ्य हैं, उनकी मृत्यु नहीं हुई है ।

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